अजादार अभी से खरीद रहे हैं ताजिया और तुर्बत
जौनपुर। 29 जुलाई को दस मोहर्रम पड़ रहा है। इस दिन शिया मुस्लिम ताजिये को 9 मोहर्रम की रात चौक पर रखते हैं और रातभर मजलिस मातम का सिलसिला चलता है। दूसरे दिन 10 मोहर्रम को ताजिया गंजे शहीदा में लेकर दफ्र किया जाता है। ताजिया कारीगर दिन रात मेहनत करके ताजिया बनाने में लगे हुए हैं। ताजिया की ज्यादा मांग होने की वजह से कारीगर मेहनत कर रहे हैं। अभी से कई ताजियों की खरीदारी शुरू भी हो गयी है। बतातें चलें कि इस्लामी कलेंडर का पहला महिना मोहर्रम शुरू होते ही ताजियादार ताजिया तैयार करने में जुटे हुए हैं। जौनपुर में कई स्थानों पर ताजिया तैयार हो रहा है। कल्लू के इमामबाड़े में ताजिया की चौकी बनाने के बाद अब कारीगर मीनार व गुंबद तैयार करने में जुटे है।
ताजिया बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि जिले में अधिक संख्या में ताजियादारी होती है इसलिए पिछले 2 महीनों से ताजिय़ा बनाने का कार्य किया जा रहा है। रंग-बिरंगे कागज से बाहरी ढांचा तैयार करके अब साज-सज्जा का कार्य किया जा रहा है। इसमें पूरे परिवार के सदस्य लगे है। पंद्रह सौ रुपये से लेकर चार हजार रुपये तक की ताजिया तैयार की गई है। कल्लू के इमामबाड़े के मुतवल्ली शौकत अली ने बताया कि करबला के प्यासे शहीदों की याद में जौनपुर में सभी धर्मो के लोग मोहर्रम में ताजिया रखकर इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से अपनी अकीदत का इजहार करते है।