नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत के सहायक दोषी परमार को कथित रिश्वतखोरी के आरोप से जुड़े धन अनुसंधान मामले की जांच के लिए गिरफ्तार कर लिया है। आधिकारिक पोर्टल ने यह जानकारी दी। अंतिम ने बताया कि पूर्व न्यायाधीश को धन शोधन सुरक्षा अधिनियम (पीएमएलए) के कर्मचारियों के अधीन दिल्ली के पास गुरुग्राम में जज के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है और एमडी उनसे अपनी डिसीजन की मांग करेंगे। एजेंसी ने सबसे पहले इस मामले में पूर्व न्यायाधीश के शेयरधारक अजय परमार, रियल एस्टेट कंपनी एम3एम के दो प्रवर्तकों बसंत बैसाख और एक रियल एस्टेट समूह टूरईओ के मालिक और प्रबंध निदेशक (प्रबंध निदेशक) ललित गोयल को गिरफ्तार किया था। धन अप्रैल रिसर्चन के इस मामले में हरियाणा पुलिस के गीक्रेट ड्रिव ब्यूरो (एसीबी) द्वारा स्पेशलिस्टा कोर्ट में स्पेशलिस्ट ईस्ट कंसल्टेंसी व एचडी जज एटर्न परमार, उनके साथी अजय परमार और एम3एम ग्रुप के तीसरे प्रवर्तक रूप कुमार बैसाखी के खिलाफ दर्ज की गई। संग्रहालय से जुड़ा हुआ है। एडी ने कहा था कि एसीबी की टिप्पणियों के अनुसार विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि परमार पीएचडी के आपराधिक मामले और अन्य आपराधिक मामलों में कुमाररूप बैसाख, उनके भाई बसंत बैसाखी और त्राफईओ के ललित गोयल की तरफदारी कर रहे थे। एडीडी ने एक बयान में कहा कि एसीबी की टिप्पणी में कहा गया है कि विश्वसनीय जानकारी के अनुसार (न्याययोगी मामले में) गंभीर कदाचार, आधिकारिक पद का मिथ्यात्व और अपने न्यायालय में दोस्ती के मुद्दों में असंगत लाभ/रिश्वत की लेने की घटनाएं देखें।
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Author: fastblitz24
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