जौनपुर। जिले के बक्षा क्षेत्र के संवसा गांव में जनसभा के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी कांग्रेस, बीजेपी या अन्य पार्टियों के गठबंधन के साथ न मिलकर अकेले चुनाव लड़ रही है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस, बीजेपी व अन्य दलों में आजादी के बाद से अधिकांश राज्यों में कांग्रेस की सरकार रही। इनकी गलत नीतियों के कारण इन्हें राज्यों से लेकर केंद्र तक की सत्ता से बाहर होना पड़ा। कांग्रेस की पहली सरकार में बाबा साहब लॉ मिनिस्टर थे। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू से कहा था कि एससी- एसटी को बराबर आरक्षण नहीं मिल रहा है, अति पिछड़े वर्ग के लोगों को भी आरक्षण मिलना चाहिए और आर्टिकल 340 के अनुसार आरक्षण देना चाहिए। उनकी मांग नहीं पूरी होने पर बाबा साहब ने इस्तीफा दे दिया। कहा कि कांग्रेस कहती है कि वो संविधान के खिलाफ नहीं हैं। सभी पार्टियां वोट की खातिर आरक्षण को लेकर बड़ी- बड़ी बातें कर रही हैं। देश की जनता इस बात को समझ गई है कि अच्छे दिन के नाम पर प्रलोभन दिया गया है, जितना कहा उसका एक चैथाई काम भी नहीं किया। ये लोग पूंजीपतियों को और मालामाल करने, इन्हें विभिन्न मामलों में छूट देने और इन्हें बचाने में लगे हैं। मायावती ने कहा कि इलेक्टोरल बांड जैसे मामले सामने आ रहे हैं। कुछ दिन पहले जब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी की तो यह साफ हो गया कि बीजेपी और कांग्रेस ने बड़े बड़े पूंजीपतियों से चुनाव लड़ने के लिए मोटी रकम ली है। बीएसपी ने किसी से भी कोई आर्थिक सहयोग नहीं लिया। बीएसपी थोड़ा- थोड़ा पैसा इकट्ठा कर अपना काम करती है। देश के किसान बीजेपी के कारण हमेशा परेशान रहे हैं, जबकि हमारी पार्टी ने चारों हुकूमतों में इनका ख्याल रखा। इन्हें खेती के लिए संसाधन उपलब्ध कराए और फसल का अच्छा दाम दिया। कहा कि बीजेपी के शासन में दलितों आदिवासियों या किसी भी वर्ग का उत्थान नहीं हुआ। दलित और आदिवासियों को नौकरी नहीं मिली। इनके पद खाली हैं। आरक्षण नहीं देने से पद खाली हैं। इनकी सरकार में बिना कोई आरक्षण दिए प्राइवेट सेक्टर से काम कराया जा रहा है। शोषण और उत्पीड़न भी बंद नहीं हुआ। बीजेपी और आरएसएस की सरकार के चलते हिंदुत्व के आड़ में चल रही राजनीति से हालत खराब है। किसान वर्ग भी आंदोलित है। गलत आर्थिक नीतियों से देश पर असर दिखाई दे रहा है। महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार भी बढ़ता जा रहा है।