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उत्तर प्रदेश में 8 लाख विद्यार्थी होंगे स्कूल से बाहर, एआईडीएसओ ने सरकार को घेरा**

प्रदेश के 27000 सरकारी स्कूलों को बंद करने काफैसलाअदूरदर्शी, भावी पीढ़ी भुगतेगी परिणाम

**जौनपुर, * ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एआईडीएसओ) ने उत्तर प्रदेश में 8 लाख बच्चों के स्कूली शिक्षा से बाहर होने केखतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की है। जो केंद्र सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों का परिणाम है।

दिलीप कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में 11.70 लाख बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जिनमें से सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने सवाल उठाया कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ के नारे के बावजूद प्रदेश के बच्चे शिक्षा से वंचित क्यों हैं।

एआईडीएसओ ने आरोप लगाया है कि नई शिक्षा नीति-2020 शिक्षा के निजीकरण और व्यापारीकरण को बढ़ावा दे रही है। इस नीति के तहत क्लोजर-मर्जर पॉलिसी के माध्यम से सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश के लगभग 27000 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है।

एआईडीएसओ का मानना है कि अगर ये स्कूल बंद होते हैं तो प्रदेश में स्कूली शिक्षा से बाहर बच्चों की संख्या और बढ़ जाएगी। लाखों गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे और उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।

एआईडीएसओ ने छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और शिक्षाप्रेमियों से अपील की है कि वे सरकारी स्कूलों को बंद करने और नई शिक्षा नीति के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करें।

*नहीं बंद होंगे विद्यालय*

बेसिक शिक्षा विभाग ने एक बयान जारी कर इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की है. उत्तर प्रदेश के 27000 बेसिक शिक्षा के स्कूल नहीं बंद होंगे और इन स्कूलों को दूसरे में समायोजित करने का विलय करने की भी कोई योजना नहीं है. इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है.

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Author: fastblitz24

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