जौनपुर.वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिकों ने घाघरा-गोमती दोआब की विलुप्त नदियों पर शोध करने का निर्णय लिया है। इस शोध के माध्यम से इस क्षेत्र में हुई भूवैज्ञानिक, जलवायु और पुरातात्विक गतिविधियों के बारे में जानने का प्रयास किया जाएगा * इस शोध में घाघरा-गोमती दोआब क्षेत्र में मौजूद विलुप्त नदियों और झीलों का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। शोधकर्ता इन नदियों के सूखने के कारणों और इस क्षेत्र में हुए भूवैज्ञानिक परिवर्तनों का पता लगाएंगे।
(* **मानव सभ्यता पर प्रभाव:*का भी होगा अध्ययन
* इस शोध के माध्यम से यह भी पता लगाया जाएगा कि इन नदियों के सूखने से आसपास रहने वाली मानव सभ्यता पर क्या प्रभाव पड़ा।)
इस शोध में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान, लखनऊ और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक शामिल हैं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की प्राचीन इतिहास विभाग की प्रो. पुष्पलता सिंह ने कहा कि इस शोध के माध्यम से हमें इस क्षेत्र के इतिहास के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं।
**कुलपति का समर्थन:**
पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने इस शोध को बेहद महत्वपूर्ण बताया और शोध टीम को शुभकामनाएं दीं।
**यह शोध क्यों महत्वपूर्ण है:**
यह शोध इस क्षेत्र के इतिहास, भूगोल और जलवायु को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, इस शोध से हमें प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और भविष्य में होने वाली जलवायु परिवर्तनों के लिए तैयार रहने में मदद मिलेगी।
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