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खालिस्तानी आतंकवाद के तराई कनेक्शन से लखीमपुर खीरी में बढ़ी हलचल, खुफिया एजेंसियां अलर्ट

 

 

लखीमपुर खीरी. पीलीभीत में हुई मुठभेड़ के बाद खालिस्तानी आतंकवाद का तराई क्षेत्र से एक बार फिर कनेक्शन सामने आने से लखीमपुर खीरी में हलचल बढ़ गई है। जिले में खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं

(**सात साल पहले भी पकड़े गए थे बब्बर खालसा के सदस्य:**

 

लखीमपुर खीरी का खालिस्तानी आतंकवाद से पुराना नाता रहा है। करीब सात साल पहले, 18 सितंबर 2017 को, यूपी एटीएस और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने खीरी जिले से प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा के दो सदस्यों, हरप्रीत उर्फ टोनी और सतनाम सिंह को गिरफ्तार किया था। दोनों खीरी जिले के ही रहने वाले थे।)

 

(**नाभा जेल ब्रेक से था कनेक्शन:**

 

इन दोनों की गिरफ्तारी पंजाब की नाभा जेल से 27 नवंबर 2016 को दो आतंकियों और चार गैंगस्टरों के फरार होने के मामले में हुई थी। हरप्रीत और सतनाम पर आरोप था कि उन्होंने जेल से भागने वाले आतंकियों को हथियार और अन्य सहायता मुहैया कराई थी।)

 

 

पुलिस जांच में यह भी पता चला था कि ये दोनों लंबे समय से उत्तर प्रदेश के तराई इलाके से लेकर पंजाब तक बब्बर खालसा के स्लीपिंग मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे थे। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद मामला शांत हो गया था, लेकिन कुछ समय पहले ही पंजाब के आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा का कनेक्शन भी यहां सामने आया था। चौड़ा ने पुलिस रिमांड में बताया था कि उसने खीरी जिले के नेपाल सीमा से सटे इलाके में हथियार छिपा रखे हैं। इसके बाद पंजाब पुलिस द्वारा चौड़ा को यहां लाए जाने को लेकर काफी गहमागहमी रही थी।

 

**पीलीभीत मुठभेड़ के बाद सीमा पर चौकसी:**

 

अब पीलीभीत में मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने के बाद, भारत-नेपाल सीमा से सटे क्षेत्र में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं। इस घटना ने एक बार फिर तराई क्षेत्र में खालिस्तानी गतिविधियों की संभावना को उजागर कर दिया है, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां कड़ी नि गरानी रख रही हैं।

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Author: fastblitz24

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