नीले झंडों से पट गया कलेक्ट्रेट परिसर
जौनपुर: 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से राजनीतिक रूप से हाशिये पर चल रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह के विवादित बयान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पूरे कलेक्ट्रेट परिसर में बसपा कार्यकर्ताओं का हुजूम और नीले झंडों की भरमार दिखी।
इस प्रदर्शन ने हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा आयोजित प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। मौके पर मौजूद अधिवक्ताओं, अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं और मीडिया जगत में यह चर्चा का विषय बन गया। लोग कह रहे थे कि सपा, जिसके पास दो सांसद, चार विधायक और कई नगर निकायों के चेयरमैन हैं, वह भी ऐसी भीड़ नहीं जुटा पाई। वहीं, बसपा, जिसके पास मौजूदा समय में कोई जनप्रतिनिधि नहीं है, उसने इतनी बड़ी भीड़ जुटाकर अन्य दलों के लिए सोचने का समय पैदा कर दिया है।
संविधान निर्माता के अपमान का विरोध:
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर यह प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शन का उद्देश्य संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति कथित अमर्यादित और उपहासपूर्ण टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रकट करना था।
नेताओं ने कहा कि अमित शाह का बयान न केवल अशोभनीय है, बल्कि इससे बाबा साहेब के प्रति गहरी असंवेदनशीलता और जातिवादी मानसिकता भी झलकती है। यह बयान बहुजन समाज के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान को ठेस पहुंचाता है।
धरने का नेतृत्व मुख्य मंडल प्रभारी राम चंद्र गौतम ने किया। कार्यक्रम का संचालन जिलाध्यक्ष डॉ. संग्राम भारती ने किया। प्रमुख रूप से उपस्थित नेताओं में शोभनाथ चौधरी, डॉ. लाल बहादुर सिद्धार्थ, डॉ. अनिल शर्मा, संजीव भारती, संतोष अग्रहरि, रामचंद्र नागर, विनोद कुमार भारती, ज्ञान सागर अंबेडकर और लक्ष्मीनारायण गौतम समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।
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*नारेबाजी और आक्रोश:*
प्रदर्शन के दौरान बसपा कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। “बाबा साहेब अमर रहें” और “अमित शाह माफी मांगो” के नारों से कलेक्ट्रेट परिसर गूंज उठा। प्रदर्शनकारियों ने बाबा साहेब के योगदान और उनके संविधान के महत्व पर चर्चा की और इसे बहुजन समाज के लिए प्रेरणा बताया।)
कार्यक्रम में एमसीएल बिरेन्द्र कुमार धौहान, पूर्व महंथ अवधेश, ओमप्रकाश गौतम, सिरजु प्रसाद और सैकड़ों बसपा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।