दिल्ली। “पुस्तक प्रकाश देती है और हमारा जीवन आलोकित करती है।” यह विचार हिंदू कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की चलित पुस्तक प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर उप प्राचार्य प्रो. रीना जैन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा में साहित्य, संस्कृति, विज्ञान, और समाज विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट पुस्तकों का खजाना दुर्लभ है, जिसे राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने बड़ी मेहनत से संजोया है।
उप प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हिंदी पुस्तकों के अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिंदू कॉलेज में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली ऐसी प्रदर्शनी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए बेहद उपयोगी होती हैं।
इस अवसर पर हिंदी विभाग के प्रभारी प्रो. बिमलेंदु तीर्थंकर ने कहा कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की यह प्रदर्शनी सभी आयु वर्ग और संकायों के विद्यार्थियों के लिए लाभकारी साबित होगी। उन्होंने प्रदर्शनी को साहित्य और संस्कृति के प्रति नई पीढ़ी के आकर्षण को बढ़ाने वाला बताया।
कॉलेज के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. संजीव दत्त शर्मा ने बताया कि हिंदू कॉलेज पुस्तकालय विद्यार्थियों को कई सुविधाएं प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी न्यास की पुस्तकों से अपने घरों में निजी पुस्तकालय स्थापित कर सकते हैं।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पल्लव ने कहा कि यह वर्ष हिंदी साहित्य के दिग्गज लेखक अमरकांत, कृष्णा सोबती और मोहन राकेश का शताब्दी वर्ष है। उन्होंने इस मौके पर साहित्य और पठन-पाठन की गतिविधियों को नई पीढ़ी को अपने साहित्यिक पुरोधाओं की याद दिलाने का महत्वपूर्ण जरिया बताया।
पुस्तक प्रदर्शनी के उद्घाटन में हिंदी विभाग के डॉ. पवन कुमार, डॉ. प्रज्ञा त्रिवेदी सहित अन्य शिक्षक, पुस्तकालय कर्मचारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। पूरे दिन चली इस प्रदर्शनी का लाभ कॉलेज के विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने उठाया।