नई दिल्ली:दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गृह मंत्रालय ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को इस घोटाले का मास्टरमाइंड और किंगपिन बताया था।
यह मामला दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। आरोप है कि केजरीवाल ने अन्य आप नेताओं और अधिकारियों के साथ मिलकर इस नीति के जरिए गड़बड़ियां कीं। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इन अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। इसके आधार पर ईडी ने 22 अगस्त 2022 को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया।
ईडी ने केजरीवाल को आपराधिक साजिशकर्ता बताते हुए कहा कि उन्होंने कथित तौर पर आबकारी नीति में भ्रष्टाचार किया और इस दौरान ‘आप’ नामक कंपनी के प्रमुख होने के नाते लाभ उठाया। ईडी ने कहा कि केजरीवाल और उनकी पार्टी पर पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी मानते हुए मुकदमा चलाया जाएगा।
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी लोकसेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्राधिकरण से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। गृह मंत्रालय ने इसी आदेश का पालन करते हुए केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की हरी झंडी दी है
घोटाले से जुड़ी दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 को रद्द किया जा चुका है। इस मामले में सीबीआई और ईडी ने कई आप नेताओं और अधिकारियों से पूछताछ की थी।
यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।
ईडी ने पिछले साल मार्च में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर पीएमएलए अदालत में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें कहा गया है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी को दोषी मानते हुए दंडित किया जाना चाहिए।
इस मामले ने चुनावी माहौल में बड़ा प्रभाव डाला है। आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया है और भाजपा पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है।