जौनपुर | हजरत सैयद उमर शाह रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स मुबारक बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ। यह उर्स बड़ी मस्जिद के पूर्वी गेट के पास मोहल्ला उमर खां बगीचा स्थित उनके आस्ताना (मज़ार) पर आयोजित किया गया था।
उर्स का आगाज़ कलामे इलाही (कुरान की तिलावत) से मौलाना हनीफुल कादरी ने किया। इस मौके पर विभिन्न नात ख्वानों द्वारा बेहतरीन नातें पढ़ी गईं। सैयद उमर शाह का उर्स गागर के बाद गुस्ल और फिर चादरपोशी से शुरू हुआ।
खादिम आस्ताना मास्टर मेराज अहमद ने बताया कि यह एक प्राचीन उर्स है जो पिछले पाँच सौ वर्षों से मनाया जा रहा है। इस मौके पर एक जलसा सीरातुन्नबी (पैगंबर मुहम्मद के जीवन पर आधारित धार्मिक सभा) भी आयोजित हुआ। उक्त समस्त कार्यक्रम मोहिनुद्दीन अहमद हस्साम जाफरी की सरपरस्ती (संरक्षण) में हुआ। निज़ामत (संचालन) महशर जौनपुरी ने किया, खिताबत (संबोधन) अहमद रजा जाफरी और मोहम्मद अहमद रजा बरकाती ने की, वहीं शायर शमसुद्दीन और हाफिज मेराज ने अपने नातिया कलाम (पैगंबर की प्रशंसा में कविताएँ) से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। देर रात तक विभिन्न कव्वालों ने अपनी कव्वालियों से महफिल में शमा बाँध दी।
आस्ताना के खादिम मास्टर मेराज ने आस्तावानों (आस्थावानों) और उर्स में शहर व जिले से और बाहरी जिलों से आए हुए आस्तावान लोगों का शुक्रिया अदा किया।
इस मौके पर मुख्य रूप से हाफिज मुमताज, कारी इश्तियाक जिया, जंग बहादुर यादव, मोहम्मद अहमद जाफरी, कौशर, मोहम्मद तारीक, नसीम अहमद, शाहनवाज कुरेशी, शाहनवाज मंजूर (सभासद), हाफिज अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद नवाज, उरूज नवाज, हाफिज फहद, अजमत, साजिद अली, शानू सिद्दीकी, मौलाना कयामुद्दीन शाह, गुलाम मुस्तफा, दिलदार अहमद, मनीष देव मंगल (सभासद), शहजादे कुरैशी, अनीस श्रीवास्तव (एडवोकेट) मौजूद रहे।