जौनपुर।
देश के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और क्रांतिकारी योद्धा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर बदलापुर में भव्य जुलूस और जनसभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम छात्र संगठन एआईडीएसओ, युवा संगठन एआईडीवाईओ, किसान संगठन एआईकेकेएमएस और महिला संगठन एआईएमएसएस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत बदलापुर सब्जी मंडी से एक सुसज्जित जुलूस के साथ हुई, जो बाजार भ्रमण करते हुए इंदिरा चौक पर समाप्त हुआ। इंदिरा चौक पर सैकड़ों छात्रों, युवाओं, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और बुद्धिजीवियों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अंजली, पूनम, अनीता और विजयप्रकाश द्वारा देशभक्ति और क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश में शोषणविहीन समाज की स्थापना का सपना देखा था। उन्होंने कहा था, “करोड़ों भारतवासियों के हक में खड़े होकर उनकी मुक्ति की राह पर खुद को कुर्बान कर दूंगा।” वक्ताओं ने कहा कि आजादी के 77 साल बाद भी देश के लोग उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके हैं।
वक्ताओं ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा का निजीकरण, सार्वजनिक सेवाओं का व्यापारीकरण और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर समाज को विभाजित किया जा रहा है। किसानों और मजदूरों की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने छात्रों और युवाओं से नेताजी के आदर्शों पर चलने और देश में एक नई क्रांति लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूंजीवाद विरोधी समाजवादी व्यवस्था ही नेताजी के सपनों का असली भारत बना सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता काॅ. रामप्यारे एडवोकेट ने की, जबकि संचालन काॅ. दिनेशकांत मौर्य ने किया। इस अवसर पर काॅ. इंदुकुमार शुक्ल, राजबहादुर विश्वकर्मा, प्रमोद कुमार शुक्ल, संतोष कुमार प्रजापति, अंजली सरोज, पूनम प्रजापति, शिवप्रसाद विश्वकर्मा, राकेश निषाद, विनोद मौर्य और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विचारों और उनके क्रांतिकारी योगदान को याद करते हुए हुआ। वक्ताओं ने कहा कि नेताजी के सपनों को साकार करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।