जौनपुर: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के लिए गई जौनपुर जिले की दो महिलाओं की भगदड़ में दबकर दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना मड़ियाहूं तहसील के इटाएं बाजार के पास स्थित पूरवा गांव की है। मृतकों की पहचान रामपति देवी और रीता देवी (पत्नी पंकज राजभर) के रूप में हुई है। इस घटना के बाद गांव में मातम छा गया है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
घटना मंगलवार देर रात की बताई जा रही है, जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर मौनी अमावस्या स्नान के लिए उमड़ी हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात में अचानक अफवाह फैल गई, जिससे श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई। भीड़ बेकाबू हो गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। इसी दौरान रामपति देवी और रीता देवी भीड़ में फंस गईं और दबकर उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
परिजनों के अनुसार, महिलाओं के शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है और देर रात तक उनके गांव पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है और शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है।
महिलाओं की मौत से इटाएं बाजार और पूरवा गांव में गमगीन माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से हादसे की गहन जांच और कुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
फिलहाल, प्रशासन मामले की जांच में जुटा है और हादसे की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस हृदयविदारक घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सतर्कता बरतें।
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजनों में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं, जिससे सुरक्षा और व्यवस्था की चुनौती बढ़ जाती है। इस हादसे ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतजाम होते, तो शायद इस दर्दनाक हादसे को टाला जा सकता था।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस घटना से क्या सबक लेता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।