Fastblitz 24

40 करोड़ में बिकी भारतीय नस्ल की गाय, बनाया विश्व रिकॉर्ड

ब्राजीलब्राजील में आयोजित एक पशु मेले में भारतीय नस्ल की एक गाय ने इतिहास रच दिया है। वियाटिना-19 नाम की गाय को 40 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बोली में बेचा गया, जो किसी भी गाय के लिए अब तक की सबसे ऊंची कीमत है। इसने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी अपनी जगह बनाई है। यह बोली ब्राजील के मिनास गेरैस में लगी थी, जहां एक ग्राहक ने इस गाय के लिए इतनी बड़ी राशि चुकाने का निर्णय लिया।

वियाटिना-19 गाय भारतीय नस्ल की नेल्लोर गाय है, जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य में पाई जाती है। इस गाय का वजन 1101 किलो है, जो इस नस्ल की सामान्य गायों से दोगुना है और यही विशेषता इसे बाकी गायों से अलग बनाती है। यह गाय न केवल अपने अद्वितीय शारीरिक आकार के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी असाधारण जीन और शारीरिक सुंदरता के कारण भी चर्चित है। वियाटिना-19 ने मिस साउथ अमेरिका का टाइटल भी जीता था, जिससे उसकी प्रसिद्धि और बढ़ी। इसके बाद, दुनिया भर में इसके संतान को अच्छे नस्ल की गायें पैदा करने के लिए कई देशों में भेजा गया है।

नेल्लोर नस्ल की गायों को ऑन्गोल ब्रीड के नाम से भी जाना जाता है। इन गायों की एक प्रमुख विशेषता यह है कि ये बेहद कठिन और गर्म वातावरण में भी जीवित रह सकती हैं। सामान्यत, गर्म मौसम में गायों की दूध देने की क्षमता कम हो जाती है, लेकिन नेल्लोर नस्ल की गायों में यह समस्या नहीं होती। इसके अलावा, इन गायों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अत्यधिक मजबूत होती है, जिससे वे बीमारियों से बच सकती हैं और उनका स्वास्थ्य सामान्य रहता है।

नेल्लोर गायों की एक और अनूठी विशेषता यह है कि ये कम देखभाल में भी कठिन परिस्थितियों में रह सकती हैं। इन गायों के सफेद फर और कंधे पर ऊंचे हंप होते हैं, और ये ऊंटों की तरह लंबे समय तक खाने और पीने की सामग्री को स्टोर कर लेती हैं। इससे इन गायों को रेगिस्तान जैसे गर्म और कठिन इलाकों में रहना आसान हो जाता है। इनके पास फैट स्टोरेज की क्षमता भी होती है, जिससे ये कठिन परिस्थितियों में भी अपना स्वास्थ्य बनाए रखती हैं।

यह गाय अपनी मजबूत इम्युनिटी और लंबी अवधि तक जीवित रहने की क्षमता के कारण दुनिया भर में अत्यधिक लोकप्रिय हो गई है। इसकी मांग बढ़ने का एक प्रमुख कारण यह है कि ये गायें गर्मी, बीमारी, और कम चारे जैसी कठिन परिस्थितियों में भी अपनी उत्पादन क्षमता बनाए रखती हैं। यही कारण है कि ये गायें कई देशों में भेजी जाती हैं, खासकर ब्राजील जैसे देशों में, जहां इन्हें बड़े पैमाने पर पाला जाता है।

नेल्लोर गायों की इतनी ऊंची बोली लगने से यह स्पष्ट होता है कि इनकी मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। यह नस्ल भारत के अलावा ब्राजील, अफ्रीका और अन्य देशों में भी बड़े पैमाने पर पाई जाती है। ब्राजील में नेल्लोर गायों का पालन 1800 के दशक से हो रहा है, और वहां इन्हें एक प्रमुख ब्रीड के रूप में माना जाता है।

इसी तरह की अन्य गायों की नस्लों जैसे साहीवाल, पेंगनूर और बदरी गायों की भी दुनिया भर में डिमांड है। इन गायों की विशेषताओं की वजह से, इनका पालन और व्यापार कई देशों में किया जा रहा है। वियाटिना-19 जैसी गायें, जो भारतीय नस्लों की उत्कृष्टता का प्रतीक हैं, अब वैश्विक स्तर पर चर्चा में हैं और उनके लिए बोली भी बढ़ रही है।

 

fastblitz24
Author: fastblitz24

Spread the love

यह भी पढ़ें

टॉप स्टोरीज