जौनपुर – बक्शा कृषि विज्ञान केंद्र पर गुरुवार को प्रशिक्षण हाल में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्र प्रताप सोनकर की अध्यक्षता में हर्बल, प्राकृतिक गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में पहुंची दस समूह की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
डॉ. सुरेंद्र ने बताया कि हर्बल गुलाल बनाने के लिए फल-फूल एवं पत्तियों का उपयोग किया जाता है। हरे रंग के लिए पालक, गुलाबी रंग के लिए गुलाब का फूल, पीले और केसरिया रंग के लिए प्लास एवं गेंदा का फूल, जबकि लाल रंग के लिए चुकंदर या खाने वाला रंग आदि का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने महिलाओं को गुलाल बनाने की विधि बताते हुए समझाया कि एक किलो आरारोट में आधा लीटर पानी और 10 ग्राम खाने वाला रंग मिलाकर आरारोट में मिलाकर हर्बल गुलाल तैयार किया जा सकता है।
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उन्होंने बाजार में बिकने वाले अबीर गुलाल को सेहत के लिए हानिकारक बताया। उन्होंने प्राकृतिक अबीर गुलाल का प्रयोग करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त समूह की अबीर गुलाल की खरीद से महिलाओं की जहां आय बढ़ेगी, वहीं महिलाओं को कृषि के अलावा आजीविका के लिए नया साधन मिल सकता है।
इस दौरान समूह की महिलाओं में वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह, डॉ. रुपेश सिंह, डॉ. प्रगति यादव, डॉ. हरिओम वर्मा, एक्शन एड बीनू सिंह, सरोज सिंह, चांदनी, प्रियंका, संगीता, उर्मिला, अनीता मौर्या, कंचन उपाध्याय, शारदा मौर्या, नीलम आदि लोग मौजूद रहे।
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Author: fastblitz24
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