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डिप्रेशन और कैंसर… वापसी के बाद भी आसान नहीं होगी सुनीता विलियम्स की जिंदगी; किन समस्‍याओं से जूझना पड़ सकता है?

नई दिल्ली: नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की वापसी का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसके लिए स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक पहुंच गया है। वहां पहुंचने पर नए सदस्यों का स्वागत किया गया। अब अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स की वापसी की उम्मीद जगी है।

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर जून 2024 से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर फंसे हैं। दोनों 8 दिनों के लिए ही स्पेस में गए थे, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के चलते दोनों 284 दिनों तक वहां फंसे रहे।

लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण हड्डियों और मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है। इसके अलावा, रेडिएशन के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

अंतरिक्ष में रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। लंबे समय तक अकेले रहने से डिप्रेशन और तनाव हो सकता है। सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को पृथ्वी पर लौटने के बाद लंबे समय तक रिहैबिलिटेशन की आवश्यकता हो सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को पृथ्वी पर लौटने के बाद कई महीनों तक सामान्य जीवन में वापस आने में समय लग सकता है। उन्हें नियमित रूप से व्यायाम और चिकित्सा की आवश्यकता होगी।

नासा ने सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की वापसी के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लाने के लिए स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन भेजा गया है।

 

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Author: fastblitz24

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