वाराणसी: वाराणसी में 12 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निरीक्षण के दौरान सड़क पर सांड दिखने के मामले में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई हुई है। नगर निगम ने इस लापरवाही के लिए 14 संविदा कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है, जबकि दो बेलदारों को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 12 मार्च, 2025 को वाराणसी में विकास कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान कबीरचौरा क्षेत्र में सड़क पर एक आवारा सांड दिखाई देने पर नगर निगम प्रशासन की लापरवाही उजागर हो गई। मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद इस तरह की चूक को गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने 16 कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की।

नगर निगम ने लापरवाही के आरोप में दो बेलदारों, अमृत लाल और संजय प्रजापति, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। दोनों कर्मचारी नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग से जुड़े थे और उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश नगर निगम सेवा नियमावली-1962 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। निलंबन अवधि में उन्हें जांच अधिकारी के कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
इसके अलावा, नगर निगम ने 14 संविदा कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। ये सभी कर्मचारी Warriors Security and Services नामक फर्म के माध्यम से नियुक्त किए गए थे। नगर निगम ने इस एजेंसी को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई गई, तो फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
हटाए गए संविदा कर्मचारियों में रजत प्रजापति, राकेश प्रजापति, शुभम प्रजापति, निशांत मौर्या, दीपक शर्मा, रामबाबू, राजेश कुमार, गंगा राम, आशीष प्रजापति, राघवेंद्र चौरसिया, अरविंद यादव, अंकित यादव, लालधारी यादव और श्याम सुंदर शामिल हैं। नगर निगम ने एजेंसी को निर्देश दिया है कि हटाए गए कर्मियों के स्थान पर अनुशासित और दक्ष कार्मिकों की नियुक्ति की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के दौरान इस तरह की सख्ती से यह स्पष्ट है कि सरकार विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।

Author: fastblitz24



