लखनऊ: महाकुम्भ की सफलता और योगी सरकार के कुशल प्रबंधन की दूरदर्शिता को जानने-समझने के लिए 19 मार्च को राजधानी लखनऊ में सार्वजनिक स्वास्थ्य और जल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश के जाने-माने वैज्ञानिक, जल विशेषज्ञ, पर्यावरणविद और विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
पहली बार महाकुम्भ में स्वच्छता, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जो उपाय किए गए, वे वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बने हैं। योगी सरकार के नेतृत्व में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के सहयोग से महाकुम्भ में जल प्रबंधन, गंगा की स्वच्छता, आधुनिक तकनीक का उपयोग और आपदा प्रबंधन को सफलतापूर्वक लागू किया गया

सम्मेलन में सार्वजनिक स्वास्थ्य, जल संसाधन प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन पर चर्चा होगी। इसमें विशेषज्ञ बताएंगे कि कैसे आधुनिक तकनीकों और समन्वित प्रयासों से गंगा को स्वच्छ बनाए रखते हुए करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं
महाकुम्भ के दौरान योगी सरकार ने नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए। घाटों की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, जैविक शौचालयों और कचरा प्रबंधन प्रणाली को लागू किया गया। जिससे यह महाकुम्भ अब तक का सबसे स्वच्छ और दिव्य महाकुम्भ बन सका
इस शिखर सम्मेलन में कई गैर-सरकारी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता, शोधकर्ता और नीति निर्धारक भी शामिल होंगे। वे योगी सरकार के प्रयासों को समझने के साथ ही भविष्य में ऐसे भव्य आयोजनों के लिए अपने सुझाव भी देंगे।
महाकुम्भ के सफल आयोजन को लेकर दुनियाभर में चर्चा हो रही है। इस तरह के शिखर सम्मेलनों के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों और नवाचारों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। इस आयोजन से भविष्य में बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए एक नया मानक स्थापित हो गया है।

Author: fastblitz24



