जौनपुर : जनपद जौनपुर में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और गुणवत्तापरक बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र के निर्देश पर, अब बिना मान्यता के संचालित हो रहे विद्यालयों और वे विद्यालय जिनकी मान्यता केवल प्राथमिक स्तर तक है लेकिन उच्च कक्षाएं चला रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम छात्र-छात्राओं के भविष्य को सुरक्षित करने और अभिभावकों को ऐसे भ्रामक संस्थानों से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आज, सिकरारा ब्लॉक के समस्त नोडल संकुल और एआरपी (Academic Resource Persons) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) अजीत कुमार सिंह ने की। बैठक में अजीत कुमार सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी नोडल संकुल और एआरपी अपने-अपने न्याय पंचायत क्षेत्र में ऐसे विद्यालयों को तत्काल चिह्नित करें और उनकी सूचना दें। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब किसी भी अमान्य विद्यालय को संचालित नहीं होने दिया जाएगा। यदि किसी भी स्थान पर ऐसा कोई विद्यालय पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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बीईओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि चिह्नित किए गए विद्यालयों की सूची तत्काल प्रभाव से जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति के अध्यक्ष – उपजिलाधिकारी (एसडीएम) – को भेजी जाएगी। यह समिति नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल ने भी इस निर्देश पर अपनी मुहर लगाई है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, छात्र-छात्राओं के भविष्य की रक्षा और अभिभावकों को भ्रामक संस्थानों से बचाने के लिए यह कदम उठाना अनिवार्य है। डॉ. पटेल ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना मान्यता के विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में एक गंभीर अनियमितता है, जिस पर अब किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस पहल से जौनपुर में शिक्षा के मानकों को बेहतर बनाने और धोखाधड़ी करने वाले संस्थानों पर लगाम कसने की उम्मीद है।
Author: fastblitz24



