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जीएसटी उत्पीड़न के खिलाफ जौनपुर व्यापार मंडल का हल्ला बोल: मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

जौनपुर : जनपद में व्यापारियों ने जीएसटी विभाग की दमनकारी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर, जौनपुर उद्योग व्यापार मंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर उत्पीड़न रोकने की मांग की।

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकुंद स्वरूप मिश्रा के निर्देशानुसार, जौनपुर उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष दिनेश टंडन के नेतृत्व में व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी जौनपुर को सौंपा। ज्ञापन में मुख्य रूप से जीएसटी विभाग द्वारा धारा-79 के तहत की जा रही वसूली, सर्वे और छापों के नाम पर सचल दल द्वारा व्यापारियों के उत्पीड़न का जिक्र किया गया है। जिलाध्यक्ष दिनेश टंडन ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से राज्य कर विभाग व्यापारियों के खिलाफ दमनकारी नीति अपना रहा है, जिसमें उनके बैंक खाते सीज किए जा रहे हैं और उनसे धन निकासी भी की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि व्यापारियों को ईमेल से नोटिस भेजे जाते हैं, जिन्हें वे अक्सर देख नहीं पाते, जिसके परिणामस्वरूप उनके खाते सीज हो जाते हैं और रकम निकाल ली जाती है। ईमेल न देख पाने के कारण व्यापारी ग्रेड-1 के यहां अपील भी नहीं कर पाते हैं। साथ ही, घोषणा के बावजूद ट्रिब्यूनल न होने से दूसरी अपील का रास्ता भी बंद है।

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प्रतिनिधिमंडल में उपस्थित नगर अध्यक्ष राधेरमण जायसवाल ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सर्वे के नाम पर जीएसटी अधिकारियों द्वारा व्यापारियों के नैतिक उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। उन्होंने हाल ही में एटा जनपद के जलेश्वर का उदाहरण दिया, जो घुंघरू और घंटा उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह एक कुटीर उद्योग है, जहां अधिकारियों द्वारा जांच और सर्वे के नाम पर घर-घर जाकर अनैतिक उत्पीड़न किए जाने की जानकारी मिली है। आज 24 जुलाई को प्रदेश के सभी मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए जा रहे हैं। जिला संरक्षक राजदेव यादव और नगर संरक्षक अशर्फीलाल जायसवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि इसी प्रकार सचल दल विभाग द्वारा मानवीय भूल के कारण ई-वे बिल सहित सभी परिपत्र होने के बावजूद गाड़ियों पर शमन शुल्क लगाकर जुर्माना वसूला जाता है और अपील द्वारा रिफंड किए जाने की बात की जाती है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है और सरकार की छवि धूमिल होती है।

व्यापारियों की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:

 * जीएसटी धारा-79 के तहत बैंक खाते सीज करने और धन निकासी पर रोक लगाई जाए।

* सर्वे और छापों के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न बंद हो।

* ईमेल द्वारा भेजे गए नोटिस की जगह उचित माध्यम से नोटिस भेजे जाएं, ताकि व्यापारी समय पर जवाब दे सकें।

* ट्रिब्यूनल का तत्काल गठन किया जाए, जिससे व्यापारी अपनी अपील कर सकें।

* सचल दल द्वारा मानवीय भूल के लिए लगाए जाने वाले अनुचित जुर्माने पर रोक लगे और पारदर्शिता लाई जाए।

इस अवसर पर जिला महामंत्री रामकुमार साहू, अरशद कुरैशी, रमेश बरनवाल, विजय गुप्ता, मनोज कुमार साहू, मुन्नालाल अग्रहरि, बनवारीलाल गुप्ता, अमर जौहरी, रामकुमार साहू, राकेश जायसवाल, संतोष कुमार साहू, अरविंद जायसवाल, यशवंत साहू, आशीष कुमार, गुलजारीलाल गुप्ता, राजीव कुमार साहू, संतोष अग्रहरि फार्मेसी, सतीश गुप्ता, चंदन सेठ, विमल भोजवाल, हाफिज शाह, शिवम बरनवाल, शाहिद मंसूरी सहित बड़ी संख्या में व्यापारी उपस्थित रहे। उपस्थित व्यापारियों का आभार वरिष्ठ उपाध्यक्ष नगर रामकुमार साहू ने व्यक्त किया।

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Author: fastblitz24

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