जौनपुर। देश के स्वतंत्रता संग्राम में जौनपुर के छात्र आंदोलन की गौरवशाली स्मृति को नमन करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने आज कलेक्ट्रेट परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्टी ने रैली निकालकर धरना-प्रदर्शन किया और शिक्षा व रोजगार से जुड़ी मौजूदा सरकारी नीतियों की कड़ी आलोचना की।

धरना स्थल पर कामरेड राजाराम प्रधान की अध्यक्षता में हुई सभा में वक्ताओं ने 50 से कम छात्रों वाले सरकारी स्कूलों को मर्ज करने के आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह फैसला कमजोर तबके के बच्चों को उनके घर के पास बुनियादी शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है। पार्टी नेताओं ने सरकार की उन नीतियों की भी निंदा की, जो किसान, मजदूर और कमजोर वर्गों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।
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इस सभा में भाकपा के जिला मंत्री सालिगराम पटेल सहित कल्पनाथ गुप्त, रामनाथ यादव, कृष्ण नारायण तिवारी, सुभाष पटेल, दीवानी अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री जयप्रकाश, माकपा नेता विजय प्रताप सिंह, एआईवाईएफ के प्रदेश सचिव संदीप शर्मा, आशीष पटेल, एआईएसएफ के बृजेश और महिला फेडरेशन की सुधा सिंह ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन सत्यनारायण पटेल ने किया।
धरना-प्रदर्शन के बाद भाकपा ने जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश की राज्यपाल को आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रमुख मांगें थीं:
* स्कूलों का मर्जर रोका जाए।
* शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत हर गाँव में स्थानीय स्कूल की गारंटी दी जाए।
* शिक्षा में जनभागीदारी और विकेन्द्रीकरण को बढ़ावा दिया जाए।
* शिक्षकों से शिक्षण के अलावा कोई गैर-शैक्षणिक कार्य न कराया जाए।
* शिक्षा का बजट बढ़ाया जाए और बिजली के निजीकरण को बंद किया जाए।
Author: fastblitz24



