वाराणसी। बड़ागांव पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच झड़प में दरोगा ने अधिवक्ता शिव प्रताप सिंह को पीट कर लहुलूहान कर दिया तो वहीं दरोगा को भी पीटाई से भी गंभीर चोटें आई हुई हैं। प्रबोधनी फाउंडेशन के महासचिव विनय शंकर राय के अनुसार अधिवक्ता शिव प्रताप सिंह अपने पत्नी के साथ दिन में लक्ष्मी मां का दर्शन कर मोटर साइकिल से घर जा रहे थें। कैंट विधानसभा के पूर्व विधायक बाबू माण्डवी प्रसाद सिंह के परिवार के जो सदस्य हैं इनकी पुस्तैनी हवेली रथयात्रा से सटा है। जिसमें इनका परिवार रहता है। 17 सितंबर की शाम को बारिश के कारण पीएम मोदी का क्योटो भयंकर जाम से कराह रहा था। घण्टो जाम में फंसे अधिवक्ता ने ठीक बगल में घर का हवाला देते हुए पुलिस को जाने के लिए कहा तो पुलिस हैवान बनकर टुट पड़ी। जबकि शिवा प्रताप सिंह अपने अधिवक्ता होने का हवाला देते रहे और पुलिस ने उनको बेरहमी से पीटते हुये मरणासन्न कर दिया। विनय शंकर ने बताया कि मारपीट के दौरान उनके साथ रही बहु विनती करती रही और पुलिस पीटती रही।

आगे विनय शंकर ने बताया कि अधिवक्ता साथियो की एकजुटता एवं संघर्ष का परिणाम हुआ कि शिवा प्रताप सिंह बीएचयू ट्रामा सेंटर में रात को एडमिट हो पाये नहीं तो पुलिस का पुरा दबाव था कि लहुलुहान अधिवक्ता को प्राथमिक चिकित्सा कर तत्काल घर भेजा जाय। पुलिस दमन से लहुलुहान व्यक्ति का ईलाज ठीक से कराने की जगह चिकित्सको को उकसा कर अधिवक्ताओ से झगड़ा की साजिश रच रही थी ताकि उसके करतूत पर पर्दा पड़ जाय लेकिन अधिवक्ता साथियों ने सूझबूझ और धैर्य से काम लिया जिसका परिणाम हुआ कि नाक के पास सात टाका लगा, बाह, सर और नाक का एक्सरे हुआ सिटी स्कैन हुआ और ईलाज प्रारम्भ हो पाया। सैकड़ो अधिवक्ताओ के दबाव और संघर्ष से भेलुपुर क्राईम स्पेक्टर कन्हैया कुमार के खिलाफ रात एक बजे नामजद मुकदमा पंजीकृत हुआ। दूसरी ओर आक्रोशित अधिवक्ताओं की पीटाई से दरोगा भी गंभीर रूप से घायल हैं। इस मामले में पुलिस ने फिल्हाल अधिवक्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिनमें अजीत कुमार मौर्या, मोहित मौर्या, अजीत वर्मा उर्फ राजा, राजन पांडेय, शेखर यादव, अजीत सिंह, सुमित सिंह, आलोक सौरभ, प्रकाश शंकर श्रीवास्तव, ईशान के अलावा करीब 50 से 60 अधिवक्ता शामिल हैं।


Author: fastblitz24



