भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों ने वह कर दिखाया जो लंबे अरसे तक सिर्फ़ एक सपना लगता था. उन्होंने उस खेल में सबसे बड़ा खिताब जीता है जिसे यह देश सबसे ज़्यादा प्यार करता है. अक्सर मज़ाक, तानों और धमकियों का सामना करने वाली इन खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और जज़्बे से क्रिकेट विश्व कप का खिताब पहली बार अपने नाम किया. यह जीत हर एक खिलाड़ी की यात्रा, संघर्ष और साहस की कहानी बयान करती है. एक ऐसे वक़्त में, जब खुश होने के मौके बहुत कम हैं, इन ‘ड्रीम इलेवन’ ने पूरे देश को गर्व और साथ आने का एक अनमोल क्षण प्रदान किया है.

नवी मुंबई स्थित खचाखच भरे डीवाई पाटिल क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ़्रीका को 52 रनों से हराकर खिताब पर कब्ज़ा जमाया. टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम ने 50 ओवरों में 7 विकेट पर 298 रन बनाए. सलामी बल्लेबाज़ शेफाली वर्मा ने 78 गेंदों में 87 रनों की तेज़तर्रार पारी खेली, जबकि ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने 58 रन बनाए. इसके जवाब में कप्तान लौरा वॉल्वार्ड्ट की शतकीय पारी के बावजूद अफ़्रीकी टीम 246 रनों पर सिमट गई. दीप्ति शर्मा ने 5 और शेफाली वर्मा ने 2 विकेट चटकाए.


ज्ञात हो कि टीम की सलामी बल्लेबाज़ प्रतीका रावल के चोट के कारण विश्व कप से बाहर होने के बाद 22 वर्षीय हरियाणा की शेफाली वर्मा सेमीफाइनल मैच से पहले टीम से जुड़ी थीं. उन्हें विश्व कप के लिए घोषित टीम में शामिल नहीं किया गया था. यहां तक कि वह स्टैंडबाय खिलाड़ियों में भी नहीं थीं. वहीं, पूरे टूर्नामेंट में ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए दीप्ति शर्मा को ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया. शर्मा ने पूरे टूर्नामेंट में सर्वाधिक 22 विकेट चटकाए और 3 अर्धशतकों के साथ उपयोगी 215 रन भी बनाए.
Author: fastblitz24



