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क्वाड से भारत को बाहर करने की तैयारी में ट्रंप

 

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री हेरोल्ड विल्सन का एक प्रसिद्ध कथन है कि “राजनीति में एक हफ्ता बहुत लंबा समय होता है। हालांकि जियो-पॉलिटिक्स में एक हफ्ता, अनंत काल जैसा हो सकता है और कभी कभी एक पल भी एक अलग समय सीमा जैसा महसूस हो सकता है। वो डोनाल्ड ट्रंप ही थे जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल में साल 2017 में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर चीन को काउंटर करने निकले थे। उन्होंने क्वाड को फिर से जिंदा किया था, लेकिन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में जो कुछ भी हुआ है, उसे देखकर फिलहाल क्वाड के मौत की भविष्यवाणी की जा सकती है।

क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र, यानि इंडो-पैसिफिक का NATO कहा गया, उसे चीन को बैलेंस करने वाला संगठन कहा गया, चीन ने इसे एक सैन्य संगठन कहा और खुद डोनाल्ड ट्रंप ने इसे नये आकार में ढालने का पूरा क्रेडिट लिया। लेकिन अब क्वाड को बेमौत मारने का श्रेय भी डोनाल्ड ट्रंप को ही जाना चाहिए। हालांकि, ट्रंप के दूसरा कार्यकाल के पहले ही दिन QUAD देशों की बैठक की गई, जो एक शानदार शुरूआत थी। अमेरिका के नये विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अपनी सबसे पहली बैठक क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के साथ की, जिसका साफ मतलब यही था कि ट्रंप प्रशासन इंडो-पैसिफिक को लेकर चीन को कोई संदेश देना चाहता था। इसके बाद जुलाई में क्वाड विदेश मंत्रियों की एक और बैठक हुई। लेकिन अब क्वाड का भविष्य क्या होगा, कोई नहीं जानता है। इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत को करनी थी।

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Author: fastblitz24

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