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अवैध वक्फ संपत्तियों के मामले में जौनपुर टॉप पर

 जेपीसी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, 2096 अवैध संपत्तियां वक्फ के नियंत्रण में

जौनपुरप्रदेश में अवैध वक्फ संपत्तियों के मामले में जौनपुर टॉप पर है। यहां सबसे अधिक 2096 सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। जेपीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में वक्फ की सबसे अधिक तथाकथित संपत्ति है। प्रदेश में कुल 57792 सरकारी संपत्तियां हैं, जो वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं। वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में जौनपुर में सबसे अधिक 4167 संपत्तियां दर्ज हैं, इनमें से 2096 सरकारी जमीन पर हैं।

वक्फ बोर्ड: जानिए है क्या

 वक्फ बोर्ड, इस्लामिक कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित संपत्तियों का प्रबंधन करता है। वक्फ बोर्ड एक कानूनी इकाई है। हर राज्य में वक्फ बोर्ड होता है।

कोई व्यक्ति अल्लाह या इस्लाम के नाम कोई संपत्ति या पैसा दान देता है, तो उसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। देश में अभी 32 स्टेट वक्फ बोर्ड हैं। एक सेंट्रल वक्फ बोर्ड भी है। 2013 में यूपीए सरकार ने 1995 के मूल वक्फ एक्ट में बदलाव करके बोर्ड की शक्तियों में इजाफा किया था।

‘वक्फ’ शब्द अरबी भाषा के शब्द ‘वकुफा’ से बना है, जिसका मतलब होता है ठहरना। वक्फ का मतलब है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना।

वक्फ बोर्ड से जुड़े तथ्य:

* वक्फ बोर्ड, संपत्तियों का पंजीकरण, प्रबंधन और संरक्षण करता है।

* वक्फ बोर्ड, संपत्तियों का इस्तेमाल वक्फ के मूल उद्देश्यों के मुताबिक होने की पुष्टि करता है।

* वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह और मजार शामिल हैं।

* वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का प्रबंधन, वक्फ या सक्षम प्राधिकारी की ओर से नियुक्त मुतवल्ली करता है।

* वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के बारे में जानकारी और उनके प्रबंधन को लेकर सही जानकारी होना ज़रूरी है।

* वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली और वक्फ प्रशासन से जुड़े मामलों पर केंद्र सरकार को सलाह देने का काम केंद्रीय वक्फ परिषद करती है।

वक्फ के नाम पर सरकारी जमीनों को कब्जा करने में जौनपुर के अतिरिक्त प्रदेश के अयोध्या, बरेली, शाहजहांपुर और रामपुर जिले सबसे आगे हैं। इनमें से प्रत्येक जिले में वक्फ बोर्ड दो हजार या उससे ज्यादा उन संपत्तियों पर अपना दावा करता है जो जमीनें राजस्व रिकॉर्ड में सार्वजनिक उपयोग वाली श्रेणी में दर्ज हैं। नियमानुसार इन संपत्तियों को वक्फ (दान) किया ही नहीं जा सकता था।

शाहजहांपुर में 2589 संपत्तियां दर्ज हैं, यहां प्रदेश में सबसे अधिक 2371 सरकारी संपत्तियों को वक्फ बोर्ड अपना मानता है। रामपुर में 3365 वक्फ संपत्तियों में से 2363, अयोध्या में 3652 में से 2116, और बरेली में 3499 वक्फ संपत्तियों में से 2000 सरकारी जमीनों पर स्थित हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 11712 एकड़ है। सरकारी जमीनों पर वक्फ के कब्जे वाले टॉप 21 में खीरी-1792, बुलंदशहर-1778, फतेहपुर-1610, सीतापुर-1581, आजमगढ़-1575, सहारनपुर-1497, मुरादाबाद-1471, प्रतापगढ़-1331, आगरा-1293, अलीगढ़-1216, गाजीपुर-1251, मेरठ-1154, संभल-1150, अमरोहा-1045, देवरिया-1027 और बिजनौर-1005 जिले भी शामिल हैं।

प्रदेश में 40 जिले ऐसे भी हैं, जहां बोर्ड के रिकॉर्ड में सैकड़ों की संख्या में वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन तहसील रिकॉर्ड में एक का भी नामांतरण नहीं है। जौनपुर समेत ये जिले हैं फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, एटा, कासगंज, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बदायूं, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, जालौन, ललितपुर, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, हरदोई, रायबरेली, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, बिजनौर, कौशांबी, प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, महोबा।

संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने उत्तर प्रदेश की ऐसी वक्फ संपत्तियों का जिलेवार ब्योरा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को सौंप दिया है। कुल 8.7 लाख से अधिक संपत्ति वक्फ के नियंत्रण में हैं जबकि वक्फ के संपत्तियों की अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। यह वक्फ की संपत्ति 9.4 लाख एकड़ में फैली है और दिलचस्प बात यह है कि वक्फ बोर्डों का नियंत्रण 200 लोगों के हाथ में है। वक्फ से जुड़ा पहला कानून 1923 में बना था और 2013 में वक्फ की परिभाषा बदल दी गई थी, जिनसे वक्फ बोर्डों को ऐसा अधिकार मिल गया जो संविधान से परे है।

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Author: fastblitz24

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