आगरा – हाल ही में एक दलित नेता द्वारा ऐतिहासिक राजपूत शासक राणा सांगा पर की गई टिप्पणी के विरोध में सोमवार को आगरा में बड़ी संख्या में राजपूत समुदाय के लोग एकत्रित हुए। प्रदर्शनकारियों की संख्या लगभग एक लाख बताई जा रही है।
प्रदर्शनकारियों ने ‘जय करणी’, ‘जय भवानी’ जैसे नारे लगाए और हाथों में पारंपरिक हथियार जैसे डंडे, तलवारें और हॉकी स्टिक लिए सड़कों पर मार्च किया। यह प्रदर्शन शक्ति प्रदर्शन के रूप में किया गया था।

इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स द्वारा इस बात पर ध्यान आकर्षित किया गया कि इतने बड़े प्रदर्शन के बावजूद कहीं से किसी प्रकार की हिंसा, आगज़नी या तोड़फोड़ की कोई सूचना नहीं मिली। न ही किसी समुदाय विशेष पर हमला हुआ और न ही किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया।
आगरा लौटे कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रदर्शन के कारण शहर में कुछ स्थानों पर यातायात प्रभावित हुआ और मुख्य हाइवे पर हल्का जाम भी देखने को मिला, लेकिन संपूर्ण विरोध शांतिपूर्ण रहा।
हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर तंज कसते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी और राजपूत समाज को “कम प्रतिक्रिया देने वाला” बताते हुए दूसरे समुदायों से तुलना की। इस तरह की टिप्पणियाँ भीड़ की मानसिकता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर सवाल खड़े करती हैं।
प्रशासन की निगरानी में प्रदर्शन शांतिपूर्वक समाप्त हो गया और शहर में कानून-व्यवस्था बनी रही। फिलहाल किसी भी पक्ष की ओर से कोई कानूनी कार्यवाही दर्ज नहीं की गई है।

Author: fastblitz24



