जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) उमेश कुमार की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक 12 वर्ष पुराने मामले में आरोपी युवक को दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 52,000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
अभियोजन के अनुसार, जफराबाद थाना क्षेत्र निवासी वादी ने मुकदमा दर्ज करवाया था कि उसकी बड़ी बेटी के देवर ने उनकी नाबालिग पुत्री को बहन की सेवा के बहाने अपने घर बुलाया और वहां शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद जब नाबालिग गर्भवती हो गई, तब इस घटना की जानकारी परिजनों को हुई।

आरोपी युवक ने प्रारंभ में शादी के लिए सहमति जताई, परंतु बार-बार टालमटोल करता रहा। नाबालिग के बच्चा जन्म देने के बाद आरोपी अफसर उसे अपने घर ले जाने के लिए तैयार हुआ।
दिनांक 20 मई 2013 को आरोपी अफसर अपने परिजनों के साथ वादी की पुत्री को दवा दिलाने के बहाने जीप से ले गया और रास्ते में मारपीट कर उसे उतार दिया।
थाने में मुकदमा दर्ज न होने पर, वादी ने न्यायालय का रुख किया। न्यायालय के आदेश पर 18 सितंबर 2013 को आरोपी अफसर के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।
सरकारी अधिवक्ता राजेश कुमार उपाध्याय और कमलेश राय द्वारा प्रस्तुत गवाहों के बयान और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के विश्लेषण के पश्चात अदालत ने आरोपी को दोषसिद्ध पाया और उसे 10 वर्ष की सश्रम कैद तथा 52,000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया।

Author: fastblitz24



