पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार (19 नवंबर) को जलपाईगुड़ी के माल ब्लॉक में एक बूथ लेवल अधिकरी (बीएलओ) की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं पर ‘अमानवीय’ दबाव डाला है. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मृतक शांति मुनी एक्का एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थीं, जो बीएलओ के रूप में कार्यरत थीं. उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा किए जा रहे पुनरीक्षण कार्य के ‘असहनीय दबाव’ के कारण आत्महत्या कर ली.

सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किए गए एक कड़े शब्दों वाले बयान में सीएम बनर्जी ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए एसआईआर की प्रक्रिया को 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले ‘अनियोजित और अत्यधिक कार्यभार’ बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘गहरा सदमा और दुख हुआ. आज फिर, हमने जलपाईगुड़ी के माल में एक बूथ लेवल अधिकारी को खो दिया. एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जिन्होंने चल रहे एसआईआर कार्य के असहनीय दबाव में अपनी जान ले ली.’


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एसआईआर शुरू होने के बाद से अब तक 28 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, कुछ डर और अनिश्चितता के कारण, तो कुछ तनाव और बढ़ते काम के बोझ के कारण. उन्होंने कहा, ‘कथित भारतीय चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए अनियोजित और अधिक काम के बोझ के चलते इतनी कीमती जानें जा रही हैं. जिस प्रक्रिया में पहले तीन साल लगते थे, उसे अब राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए चुनाव से ठीक पहले दो महीनों में पूरा किया जा रहा है, जिससे बीएलओ पर अमानवीय दबाव पड़ रहा है.
Author: fastblitz24



