जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र के हीरापुर गांव में आर्थिक तंगी से तंग आकर पति-पत्नी ने फांसी लगाकर जान दे दी। समूह के ब्याजी रुपया अदा न कर पाने से तंग आकर पति-पत्नी ने फांसी लगाई। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उक्त गांव निवासी रमेश 32 वर्ष और उसकी पत्नी मोनी तीस साल की लाश आज उनके घर में फांसी पर लटकते देख कर पूरे गांव में यह बात जंगल में आज की तरह फैल गई है। बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ मौके पर एकत्रित हो गई। सूत्र बताते हैं कि रमेश की पत्नी मोनी ने समूह के नाम पर चल रहा बड़े पैमाने पर चल रहे ब्याज के इस धंधे को चला रहे लोगों के मायाजाल में फंस गई। एक-एक कर उसने पांच बार ब्याज पर रुपया ले लिया। समूह के नाम पर सूद ब्याज का धंधा करने वाले उसके दरवाजे पर बार.बार आते और जाते रहे और उसे रुपए की मांग को लेकर प्रताडि़त किया करते थे। मंगलवार दिन के लगभग 10 बजे जब दोनों पति पत्नी की लाश एक ही साड़ी में लटकी हुई देखी गई तब जाकर इस बात का खुलासा हो पाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जनपद में समूह के नाम पर बड़े पैमाने पर बड़ा गिरोह सक्रिय होकर व्यास जी रुपया धड़ल्ले से चला रहा है। पूरे जिले में सक्रिय है समूह का पैसा देने वालों की टीम जौनपुर। आर्थिक तंगी और बढ़ती महंगाई को चलते अक्सर गरीब और मध्यम वर्गीय लोग पैसों की तलाश में रहते हैं। जीवन में अगर कोई बड़ा काम करना होती है जैसे-शादी विवाह, बीमारी या घर मकान बनवाना तो हजारों बार सोचना पड़ता है। ऐसे में गरीब तबके से ताल्लुक रखने वाले लोग सूद पर पैसा लेकर अपना काम चलाते हैं और ब्याज भरते-भरते इतना हताश हो जाते हैं कि अपनी जिंदगी से मायूस हो जाते हैं और आत्महत्या कर लेते हैं। शहरी क्षेत्र में समूह का पैसा देने वालों की टीम एक्टिव है जो 10-12 प्रतिशत ब्याज की दर से पैसा देती है और उसकी वसूली प्रतिदिन की जाती है। सूत्रों से पता चला है कि समूह का पैसा अक्सर घर की महिलाओं को दिया जाता है ताकि मूल धन के साथ-साथ ब्याज की वसूली आसानी की जा सके। शहरी क्षेत्र के सब्जी मंडी, ओलन्दगंज, सुतहटी, लाइन बाजार आदि क्षेत्रों के लोग समूह के मकडज़ाल में फंसे हुए हैं।