बछड़े और सांडो से मिलेगी निजात, बढेगी दुधारू पशु की संख्या
बरेली । अब गऊएं जनेगी सिर्फ बछिया और भैंस पड़िया। यानी पूरे प्रदेश में निराश्रित घूम रहे बछड़े और साड़ों की समस्या से निजात भी मिलेगी और दुधारू पशुओं की संख्या में वृद्धि होने के कारण दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा।
साहीवाल व थार पारकर गाय एवं मुर्रा भैंस जैसी उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं की तादाद बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाई जाएगी। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली में दुधारू पशुओं (गाय-भैंस) का सेक्सॉटिक सीमेन से निशुल्क कृत्रिम गर्भाधान कराएगा। इससे सिर्फ बछिया-पड़िया का ही जन्म होगा। सिर्फ मादा पशुओं के जन्म लेने के कारण इनकी संख्या वृद्धि होगी और भविष्य में ज्यादा दुग्ध उत्पादन के रास्ते खुलेंगे। पशुपालकों और सरकार पर अर्थहीन हो चुके नर पशुओ के पालन पोषण की जिम्मेदारी और खर्चे को बचाया जा सकेगा । इस प्रोजेक्ट से तीन साल में बरेली शहर की सीमा से सटे चार ब्लॉकों के नौ हजार किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
बछड़ा और पड़वा से निजात चाहते हैं पशुपालक
वैज्ञानिकों के मुताबिक बछड़े-पड्डे के जन्म से पशुपालकों को अनावश्यक खर्च उठाना पड़ता है। अब उनको बैल और सांड़ की जरूरत भी नहीं है। इससे वे निजात चाहते हैं। यह प्रोजेक्ट किसानों की आय बढ़ाने में सहायक साबित होगा।
आधुनिक उपकरणों से लैस मोबाइल वैन के द्वारा किसानों के घर पहुंचकर गाय और भैंस का कृत्रिम गर्भाधान कराया जा सके। सेक्सॉटिक सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान कराने पर 90 फीसदी बछिया-पड़िया का ही जन्म होता है। चयनित पशुपालक ही इस प्रोजेक्ट से लाभान्वित होंगे।
इसके साथ-साथ नगर में स्थितआईवीआरआई क्लीनिक में भी कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था रहेगी
लेकिन पशुपालकों को अपनी गाय व भैंस को लेकर वहां पहुंचना होगा। सेक्स सीमन से जन्म लेने वाली बछिया-पड़िया के दूध देने की क्षमता भी अधिक होगी।
फार्म में सफल रहा ट्रायल, अब फील्ड की तैयारी
आई वी आर आई के डेयरी फार्म में बीते दो साल से उन्नत नस्ल की बछिया-पड़िया के जन्म के लिए सेक्सॉटिक सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान कराया गया। 300 गाय व भैंस पर हुए प्रयोग में सफलता मिली। अब एबीएस जेनेटिक के सहयोग से फील्ड ट्रायल की तैयारी है।
बरेली में शुरू हो रहे हैं इस फील्ड ट्रायल की सफलता जचने के बाद यह प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। हालांकि सेक्सॉटिक सीमेन निजी क्षेत्र की कई कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन भारी कीमतें और सफलता की निश्चित तन होने के कारण अभी यह लोकप्रिय नहीं है