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तहसील से जारी हुआ राज्यपाल को नोटिस, प्रशासन में हड़कंप

 नोटिस पर हस्ताक्षर फर्जी होने का दावा, जांच के आदेश 

 

यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था में खामियों को उजागर करती है। ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।*

 

** लखनऊ एक बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है।प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को एक वरासत के मुकदमे में पक्षकार बनाते हुए नोटिस भेजी गई । जैसे ही यह नोटिस राज भवन पहुंची प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

अधिकारी इस बात की जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं कि यह मामला फर्जी नोटिस का है या फिर लापरवाही, गलतफहमी या अनदेखी में जारी हो गई है. जो कुछ भी हो लेकिन मामला बेहद गंभीर है.

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मलिहाबाद तहसील में चल रहे एक वरासत के मुकदमे में इस तरह का फर्जी नोटिस भेजा गया। नोटिस में तहसीलदार की मुहर और हस्ताक्षर थे। यह नोटिस 29 अक्टूबर को जारी होने और 8 नवंबर को पेशी की तारीख दर्शाता हुआ 11 नवंबर को राजभवन भेजा पहुंची ।

 

जब यह मामला राजभवन के ध्यान में आया तो उन्होंने तुरंत जिला प्रशासन को सूचित किया। जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। तहसीलदार विकास सिंह के अनुसार, इस तरह का कोई भी नोटिस तहसील से जारी नहीं किया गया था।

 

**कौन है दोषी?**

 

अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह नोटिस किसने और क्यों भेजा। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही दोषी को पकड़ने की उम्मीद है।

 

**क्या हैं इस घटना के मायने?**

 

इस घटना से प्रशासन की छवि धूमिल हो सकती है। साथ ही, यह भी सवाल उठता है कि आखिर क्यों किसी ने ऐसा किया। क्या यह कोई व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला है या फिर कोई और कारण है?

 

**प्रशासन ने क्या किया?**

 

जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। एसडीएम मलिहाबाद, सौरभ सिंह के अनुसार, तहसील से इस प्रकार का नोटिस नहीं भेजा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषी को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

इसके पहले भी जारी हो चुकी है राज्यपाल को नोटिस

लगभग 1 वर्ष बदायूं में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां जमीन के एक मामले में एसडीएम ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 10 अक्टूबर 2023 को नोटिस जारी कर कोर्ट में तलब कर लिया। उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 18 अक्टूबर 2023 की तारीख भी दे दी गई। नोटिस राज्यपाल तक पहुंचा तो उनके निजी सचिव ने इसे विधि व्यवस्था को भंग करना बताया और आपत्ति जताई थी । जिसके बाद डीएम मनोज कुमार ने एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार को भविष्य में ऐसी चूक न करने की चेतावनी दी है।

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Author: fastblitz24

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