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विश्वविद्यालय में शिक्षकों का विरोध, सभी को मिले समान अवसर

प्रायोगिक परीक्षाओं में भेदभाव का आरोप, सौंपा विरोध पत्र

**जौनपुर:** वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन के शिक्षकों ने प्रायोगिक और मौखिक परीक्षाओं में भेदभाव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षक नेताओं ने कुलपति और परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखी हैं।
शिक्षकों का आरोप है कि सेमेस्टर परीक्षा 2024-25 की प्रायोगिक और मौखिक परीक्षाओं में अनुदानित महाविद्यालय के शिक्षकों को नियुक्त किया गया है. जबकि स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के शिक्षक भी मूल्यांकन का कार्य करते हैं। उनके अनुसार, यह भेदभाव है और इससे शिक्षकों में आक्रोश है।

**शिक्षकों की मांगें:**

* स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के शिक्षकों को भी प्रायोगिक और मौखिक परीक्षाओं में परीक्षक नियुक्त किया जाए।
* शीतकालीन अवकाश 4 जनवरी से 16 जनवरी तक बढ़ाया जाए।
* रविवार को विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं न ली जाएं।

शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करेंगे।

**शिक्षक नेताओं का कहना है कि* स्ववित्तपोषित शिक्षक भी मूल्यांकन का कार्य करते हैं, फिर भी उन्हें प्रायोगिक और मौखिक परीक्षाओं में परीक्षक क्यों नहीं बनाया जाता है.
इस तरह का भेदभाव शिक्षकों में आक्रोश पैदा करता है. विश्वविद्यालय प्रशासन को इस विसंगति को दूर करना चाहिए।

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Author: fastblitz24

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