देने और लेने दोनों पर कानूनी कार्रवाई, सूचना देने वाले को 1000 रुपये का इनाम
**इंदौर :* स्थानीय प्रशासन ने जनपद को को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के प्रयासों के तहत, प्रशासन ने अब भीख देने और भिखारियों से कोई सामान खरीदने पर कानूनी रोक लगा दी है। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, जिलाधिकारी आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसमें “किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित” किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि जो व्यक्ति भिखारियों को कुछ भी देता है या उनसे कोई सामान खरीदता पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी, जिसके तहत दोषी को एक वर्ष तक का कारावास या 5,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
प्रशासन ने भिक्षावृत्ति की सही सूचना देने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1,000 रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है।
महिला और बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि पिछले चार महीनों में भिक्षावृत्ति में शामिल करीब 400 लोगों को पुनर्वास के लिए आश्रय स्थल भेजा गया है, जबकि 64 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान पहुंचाया गया है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाने की प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है, जिनमें इंदौर भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार महीनों में लोगों को भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान चलाए गए हैं। अब भीख लेने वाले और भीख देने वाले, दोनों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।