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मनरेगा मजदूरों की मजदूरी अपर्याप्त :अमित

 

    200 दिन का रोजगार और     ₹500 हो न्यूनतम मानदेय

 

          जौनपुररविवार को समाजवादी मजदूर सभा द्वारा आयोजित प्रथम फावड़ा प्रमुख/मनरेगा प्रमुख सम्मेलन का आयोजन जनपद के लाला बाजार में किया गया। सम्मेलन में मनरेगा और भवन निर्माण मजदूरों की समस्याओं पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि समाजवादी मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अमित यादव ने मजदूरों की समस्याओं को उठाते हुए 200 दिन रोजगार की गारंटी और ₹500 मानदेय की मांग की।

मनरेगा के महत्व पर प्रकाश

*              डॉ. अमित यादव ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) लाई गई, जो ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन रोजगार की गारंटी देती है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का अधिकार सुनिश्चित करती है।)

लेकिन केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद से इस योजना के प्रति उदासीनता बढ़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में मनरेगा का उपहास उड़ाते हुए इसे यूपीए सरकार की असफलताओं का प्रतीक बताया।
डॉ. अमित ने कहा कि आधार लिंक के अभाव में 6.7 करोड़ मजदूर मनरेगा के लिए अपात्र हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा महंगाई के दौर में 100 दिनों का रोजगार नाकाफी है। मनरेगा मजदूरों को कम से कम 200 दिनों का रोजगार और ₹500 मानदेय मिलना चाहिए।

समाजवादी पार्टी का समर्थन 

 डॉ. अमित ने बताया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मजदूरों के अधिकारों की रक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए समाजवादी मजदूर सभा को सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया है। 

सम्मेलन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा ने की और संचालन जिला महासचिव मंजय कन्नौजिया ने किया। उत्तर प्रदेश के प्रमुख महासचिव प्रमोद पटेल ने मजदूरों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय सचिव श्रीमती सीमा खान, डॉ. संजय कन्नौजिया (जिला अध्यक्ष गाजीपुर), अजय यादव (जिला उपाध्यक्ष), वीरेंद्र यादव, विशाल कनौजिया, संतोष गौंड, संजय यादव, अनिल दीप चौधरी और अन्य लोग उपस्थित रहे। यह सम्मेलन मजदूरों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके हितों की रक्षा के लिए संघर्ष को तेज करने का आह्वान करता है।

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Author: fastblitz24

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