जौनपुर :जौनपुर की अपर सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) रूपाली सक्सेना की अदालत ने बक्सा थाना क्षेत्र के सड़ेरी गांव में एक पुराने भूमि विवाद के दौरान हुई गैर इरादतन हत्या के मामले में आज फैसला सुनाया। अदालत ने तीन दोषियों को चार-चार साल की सजा सुनाई है, जिनमें दो भाई और एक महिला शामिल हैं। इसके साथ ही, अदालत ने प्रत्येक दोषी पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
यह मामला 19 नवंबर 2006 का है, जब शाम करीब 5 बजे वादी मुकदमा त्रिवेणी यादव के पिता, राम लखन, की हत्या कर दी गई थी। त्रिवेणी यादव ने बक्सा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके अनुसार उनके चचेरे भाई विनोद कुमार, जवाहरलाल और जवाहर की पत्नी गायत्री उनकी पौधरोपण वाली जमीन में मिट्टी खोदकर गड्ढा बना रहे थे। जब राम लखन ने इस पर आपत्ति जताई, तो आरोपियों ने उनके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी।
आरोप है कि गायत्री के उकसाने पर विनोद और जवाहर ने लाठी-डंडों से राम लखन पर हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने इस घटना की जांच की और अदालत में केस डायरी प्रस्तुत की। अदालत में सरकारी वकील आशीष कुमार सिंह ने मामले से जुड़े गवाहों के बयान दर्ज कराए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद, अदालत ने विनोद कुमार, जवाहरलाल और गायत्री को राम लखन की गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया।
अदालत ने तीनों दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत गैर इरादतन हत्या के लिए चार-चार साल की सजा सुनाई और प्रत्येक पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।