जौनपुर:जनपद की अग्रणी दवा व्यवसाय संगठन केमिस्ट एंड फार्मेसी वेलफेयर एसोसिएशन ने रेल मंत्रालय द्वारा दवा के ऑनलाइन अवैध कारोबार को बढ़ावा दिए जाने के विरोध में केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा उपभोक्ताओं के घर-घर दवाइयाँ पहुंचाने के लिए अवैध ऑनलाइन फार्मेसी प्लेटफॉर्म से बोलियाँ आमंत्रित करने के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है।
पत्र में संगठन ने क्या कहा:
संगठन ने पत्र में स्पष्ट किया कि दवा व्यवसाय दूसरे व्यवसायों से भिन्न है और इसका ऑनलाइन संचालन पूरी तरह से अवैध है। उनका कहना था कि देश का दवा व्यवसाय ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के नियमों के तहत संचालित होता है, जिसके अनुसार ई-फार्मेसियों का संचालन अवैध है। इसके अलावा, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2018 में इस पर रोक लगाई थी।
कानूनी पहलू:
संगठन ने यह भी बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने स्वीकार किया है कि भारत में ऑनलाइन फार्मेसियों के लिए किसी प्रकार का प्रावधान नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत दवाओं का वितरण केवल लाइसेंस प्राप्त परिसर से ही किया जा सकता है।
संगठन का विरोध:
संगठन के महामंत्री राजेंद्र निगम ने कहा कि रेलटेल कॉरपोरेशन का यह प्रस्ताव देश के कानूनों को नजरअंदाज करता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य की अनदेखी करता है। उन्होंने अपील की कि इस अवैध प्रस्ताव को तुरंत वापस लिया जाए।