जौनपुर: उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन (यूपीएमएसआरए) और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के सदस्यों ने आज, 16 जनवरी को संगठन के आह्वान पर अलग-अलग ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री, माननीय श्रम मंत्री और प्रमुख सचिव श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश को ईमेल के माध्यम से तथा जिलाधिकारी जौनपुर के माध्यम से भेजा। ज्ञापन में फिरोजाबाद में हुई घटना का उल्लेख किया गया है और मजदूर नेताओं के पुलिस उत्पीड़न का विरोध किया गया है।
ज्ञापन में बताया गया है कि फिरोजाबाद काँच से उत्पादित सामान और काँच चूड़ी उद्योगों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस उद्योग में हजारों मजदूर कार्यरत हैं, लेकिन यहाँ श्रम कानून लागू नहीं हैं। किसी भी मजदूर को हाजिरी कार्ड, वेतन पर्ची और न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाता है और उनसे जबरदस्ती 8 घंटे से ज्यादा कार्य कराया जाता है। अक्टूबर 2024 में बढ़े हुए महंगाई भत्ते का भुगतान भी नहीं किया गया है।
फिरोजाबाद श्रम बंधु की बैठक 29/12/2024 को आयोजित हुई थी, जिसमें काँच चूड़ी उद्योग के मजदूरों के अमानवीय शोषण और उपरोक्त समस्याओं को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) से संबद्ध काँच उद्योग क्रांतिकारी मजदूर संघ के मंत्री भूरी सिंह यादव और नवल सिंह ने प्रमुखता से उठाया था।
श्रम कानूनों को लागू करने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने पर श्रम विभाग फिरोजाबाद और सेवायोजक चिढ़ गए और आपसी मिलीभगत से 08/01/2025 को पहले पुलिस द्वारा भूरी सिंह यादव को गिरफ्तार करा लिया गया और बाद में रात को सहायक श्रमायुक्त फिरोजाबाद श्री यशवंत कुमार द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए श्रमिक नेता भूरी सिंह यादव और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। जिस श्रम विभाग के जिम्मे श्रम कानूनों को लागू करना है, उसी विभाग के सहायक श्रमायुक्त सेवायोजकों की ओर से एफआईआर दर्ज करा रहे हैं।