ऑनलाइन शिक्षण में सहायक है स्वयम पोर्टल: डॉ. अंगना सेनगुप्ता
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में गुरुवार को स्वयम पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन कोर्सेज के संबंध में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं ने स्वयम पोर्टल की उपयोगिता, इसकी कार्यप्रणाली और छात्रों के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला की मुख्य वक्ता, स्वयम एनपीटीईएल लोकल चैप्टर समन्वयक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर की डॉ. अंगना सेनगुप्ता ने बताया कि स्वयम पोर्टल शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। इसके माध्यम से स्नातक और परास्नातक के विद्यार्थी ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर 10 नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त हैं, जो आईआईटी, एनआईटी, एनआईएम, इग्नू और यूजीसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रमों को विद्यार्थियों तक पहुंचाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन ऑनलाइन कोर्सेज को लागू कर दिया है।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में ऑनलाइन शिक्षण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वयम पोर्टल इसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जो विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा प्रदान करता है।
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने महाविद्यालयों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को स्वयम कोर्सेज में पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करें।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह ने कहा कि स्वयम कोर्सेज की परीक्षा विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि आज के समय में ऑफलाइन शिक्षा के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षा भी समान रूप से आवश्यक है
कार्यशाला के संयोजक और विश्वविद्यालय के स्वयम नोडल अधिकारी प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि विद्यार्थी स्वयम पोर्टल के माध्यम से किसी भी पाठ्यक्रम में अधिकतम 40% क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं। परीक्षा पास करने के बाद ये क्रेडिट विद्यार्थी की मार्कशीट में अंकित किए जाएंगे।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अध्ययन परिषद के संयोजक और महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं नोडल अधिकारियों ने स्वयम पोर्टल से संबंधित प्रश्न पूछे। इन सभी प्रश्नों का समाधान विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. अजय दिवेदी, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. मुराद अली, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. मनोज मिश्रा, प्रो. राजेश शर्मा, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. रसीकेस, डॉ. श्याम कन्हैया समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन डॉ. नितेश जायसवाल ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीरज अवस्थी ने किया।